UPSC प्रीलिम्स 2025 के सवालों ने हैदराबाद के छात्रों को चौंकाया; कटऑफ जारी

UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 ने कई उम्मीदवारों, विशेषकर हैदराबाद के छात्रों, को आश्चर्यचकित कर दिया। अपने अप्रत्याशित स्वभाव के लिए जानी जाने वाली इस परीक्षा ने इस वर्ष भी अपनी परंपरा को कायम रखते हुए पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सवालों का मिश्रण पेश किया। जैसे ही UPSC ने कटऑफ अंकों की आधिकारिक घोषणा की, हैदराबाद, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे कोचिंग हब्स के छात्रों ने अपने प्रदर्शन का विश्लेषण किया।

UPSC प्रीलिम्स 2025 का संक्षिप्त विवरण

UPSC प्रीलिम्स 2025 का आयोजन 1 जून, 2025 को देश भर के विभिन्न केंद्रों पर किया गया। परीक्षा में दो पेपर शामिल थे:

  • सामान्य अध्ययन पेपर-I (100 प्रश्न, 200 अंक)
  • CSAT पेपर-II (80 प्रश्न, 200 अंक – केवल क्वालिफाइंग)**

पिछले वर्षों के विपरीत, 2025 की प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों के पैटर्न में स्पष्ट बदलाव देखा गया, जहाँ रटने के बजाय करंट अफेयर्स, विश्लेषणात्मक तर्क और एप्लीकेशन-आधारित प्रश्नों पर जोर दिया गया।

हैदराबाद के छात्र क्यों चौंके?

UPSC

ब्रेन ट्री, ALS और वजीराम एंड रवि जैसे प्रमुख कोचिंग संस्थानों वाले हैदराबाद में कई उम्मीदवारों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दर्ज कीं। आश्चर्य के प्रमुख कारण थे:

1. करंट अफेयर्स पर अधिक जोर (2023-2025)

कई छात्रों ने इतिहास, राजव्यवस्था और भूगोल जैसे पारंपरिक विषयों से प्रश्नों की उम्मीद की थी, लेकिन पेपर में हाल के घटनाक्रमों पर अधिक ध्यान दिया गया। जैसे:

  • भारत की नई सेमीकंडक्टर नीति (2024)
  • डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट में हालिया संशोधन
  • 2024 के चुनावों के बाद वैश्विक भू-राजनीतिक बदलाव (अमेरिका, ब्रिटेन, भारत)
  • IPCC की नवीनतम जलवायु रिपोर्ट के निष्कर्ष

इन विषयों ने कई उम्मीदवारों को अचंभित कर दिया।

2. विश्लेषणात्मक और अंतःविषय प्रश्न

सीधे तथ्यात्मक प्रश्नों के बजाय, UPSC ने केस-स्टडी आधारित और परस्पर जुड़े प्रश्न पूछे। उदाहरण के लिए:

  • वन अधिकार अधिनियम के तहत आदिवासी अधिकार और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों से जुड़ा एक प्रश्न
  • कृषि सब्सिडी पर भारत की WTO में भूमिका पर एक विश्लेषणात्मक प्रश्न

इसके लिए रटने के बजाय गहरी समझ की आवश्यकता थी।

3. स्थिर विषयों पर कम ध्यान

हालांकि राजव्यवस्था और अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण रहे, NCERT से सीधे प्रश्न कम थे। इतिहास में भी प्रश्न तिथियों और नामों के बजाय घटनाओं की व्याख्या पर केंद्रित थे।

4. CSAT: आसान लेकिन पेचीदा

CSAT पेपर अपेक्षाकृत आसान था, लेकिन कुछ छात्रों को तार्किक योग्यता और कॉम्प्रिहेंशन सेक्शन समय लेने वाले लगे। चूँकि CSAT क्वालिफाइंग (33% जरूरी) है, अधिकांश गंभीर उम्मीदवारों ने इसे पास कर लिया, लेकिन असली चुनौती GS पेपर-I थी।

UPSC प्रीलिम्स 2025 कटऑफ अंक जारी

UPSC ने प्रीलिम्स 2025 के कटऑफ अंकों की आधिकारिक घोषणा की, और अनुमानित सीमा इस प्रकार है:

श्रेणी अनुमानित कटऑफ (200 में से)
सामान्य 95-100
OBC 90-94
SC 85-89
ST 80-84
EWS 92-96

(नोट: ये अनुमानित हैं और विशेषज्ञ विश्लेषण पर आधारित हैं; UPSC का अंतिम कटऑफ थोड़ा भिन्न हो सकता है।)

कटऑफ को प्रभावित करने वाले कारक

  • कठिनाई स्तर: 2024 की तुलना में थोड़ा कठिन, जिससे कटऑफ में मामूली गिरावट।
  • रिक्तियों की संख्या: इस वर्ष लगभग 1,000-1,100 होने का अनुमान।
  • प्रदर्शन रुझान: अधिक छात्रों ने करंट अफेयर्स का प्रयास किया, लेकिन विश्लेषणात्मक प्रश्नों ने बहुत अधिक स्कोर को कम कर दिया।

हैदराबाद के कोचिंग संस्थानों की प्रतिक्रिया

हैदराबाद के प्रमुख कोचिंग केंद्रों ने परीक्षा-पश्चात चर्चा सत्र आयोजित किए, जहाँ शिक्षकों ने कहा:

  • “इस वर्ष का पेपर उन छात्रों के लिए फायदेमंद रहा जिन्होंने स्टैटिक नोट्स के बजाय गतिशील तैयारी की रणनीति अपनाई।”ब्रेन ट्री फैकल्टी
  • “पिछले 18 महीनों के करंट अफेयर्स ने प्रभुत्व रखा; केवल NCERT पर्याप्त नहीं था।”ALS हैदराबाद विशेषज्ञ

जिन छात्रों ने अत्यधिक पारंपरिक अध्ययन सामग्री पर निर्भर रहने की कोशिश की, वे संघर्ष करते नजर आए, जबकि जो नियमित रूप से अखबार (द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस), सरकारी रिपोर्ट्स और PIB अपडेट्स पढ़ते थे, उन्हें फायदा हुआ।

अब उम्मीदवारों को क्या करना चाहिए?

जिन्होंने कटऑफ पार कर लिया है, उनका अगला कदम UPSC मेन्स 2025 की तैयारी है, जो सितंबर 2025 में आयोजित होगी। तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:

1. उत्तर लेखन पर ध्यान दें

  • संरचित, सटीक और विश्लेषणात्मक उत्तर लिखने का अभ्यास करें।
  • टेस्ट सीरीज (विजन IAS, नेक्स्ट IAS या स्थानीय कोचिंग) में शामिल हों।

2. वैकल्पिक विषयों में गहराई से अध्ययन

  • एक स्कोरिंग वैकल्पिक विषय चुनें और उसके पाठ्यक्रम में महारत हासिल करें।

3. करंट अफेयर्स की पुनरावृत्ति

  • 2024-2025 की प्रमुख घटनाओं (आर्थिक सर्वेक्षण, बजट, अंतर्राष्ट्रीय संबंध) को दोहराएँ।

4. निबंध और नीतिशास्त्र में सुधार

  • संपादकीय, रिपोर्ट्स और केस स्टडीज पढ़कर GS-IV (नीतिशास्त्र) की तैयारी करें।

निष्कर्ष

UPSC प्रीलिम्स 2025 ने साबित कर दिया कि यह परीक्षा अवधारणात्मक स्पष्टता और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग की ओर बढ़ रही है। हैदराबाद के छात्र, हालांकि शुरू में चौंके, अब आगे के लिए एक स्पष्ट रास्ता देख सकते हैं। कटऑफ जारी होने के साथ, योग्य उम्मीदवारों को मेन्स की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जबकि जो छात्र पीछे रह गए, उन्हें अपनी गलतियों का विश्लेषण करके 2026 के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

“UPSC में सफलता केवल कड़ी मेहनत से नहीं, बल्कि स्मार्ट और अनुकूलनीय तैयारी से मिलती है।”

 

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Anurag Dhole is a seasoned journalist and content writer with a passion for delivering timely, accurate, and engaging stories. With over 8 years of experience in digital media, she covers a wide range of topics—from breaking news and politics to business insights and cultural trends. Jane's writing style blends clarity with depth, aiming to inform and inspire readers in a fast-paced media landscape. When she’s not chasing stories, she’s likely reading investigative features or exploring local cafés for her next writing spot.

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